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प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है| मुझे अपना बनाता क्यों नहीं है|
Prabhu tu yaad aata kyu nahi
प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है|
मुझे अपना बनाता क्यों नहीं है|
प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है|
दिशा चारों में है तू ही समाया,
मेरे मन में समाता क्यों नहीं है|
प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है|
तुझे चिंता है जगदीश्वर सभी की,
मेरा फिर ध्यान लगाता क्यों नहीं है|
प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है|
मैं प्यासी हूँ तुझे बैठी पुकारूं,
मेरी तू प्यास बुझाता क्यों नहीं है|
प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है|
तेरी ज्योति जगे सारे जग तपे,
दीया मन में जलाता क्यों नहीं है|
प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है|
मैं व्याकुल हूँ तुझे बैठी पुकारूंँ,
मेरे दिल में समाता क्यों नहीं है|
प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है|
तेरी फुलवरिया महकती हैं,
उजड़ा स्थल बसाता क्यों नहीं है|
प्रभु तू याद आता क्यों नहीं है|
मुझे अपना बनाता क्यों नहीं है|
श्रेणी:
विविध भजन
स्वर:
Usha Bansal ji
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